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Thursday, February 18, 2021

घर में है तुलसी तो रखें यह ध्यान


यह तो हम सभी जानते हैं कि घर में तुलसी का होना कितनी अनिवार्य परंपरा मानी जाती है, इसलिए काफी लोग घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाते हैं। अगर आपके घर में भी तुलसी है तो शिवपुराण और पुरानी परंपराओं के अनुसार बताई गई तुलसी से जुड़ी कुछ अहम बातों का ज़रूर ध्यान रखें। तुलसी न केवल धार्मिक महत्‍व रखती है, बल्कि इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हैं। कई वैज्ञानिक शोध तुलसी में उपस्थित गुणों की पुष्टि करते हैं। भारत में पुरातन काल से ही तुलसी के औषधीय गुणों को काफी महत्ता दी जाती है। आइए जानें ऐसे ही कुछ गुणों के बारे में जो हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभप्रद है। प्राचीन काल से ही यह परंपरा चली आ रही है कि घर में तुलसी का पौधा होना चाहिए। शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी स्वरूप माना गया है.



इस अनमोल पौधे के कुल 5 प्रकार होतेे हैं, जो स्वास्थ्य से लेकर वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जानिए तुलसी के यह 5 प्रकार -


1) श्याम तुलसी,
2) राम तुलसी,
3) श्वेत/विष्णु तुलसी,
4) वन तुलसी,
5) नींबू तुलसी



तुलसी के पांचों प्रकारों को मिलाकर इनका अर्क निकाला जाए, तो यह पूरे विश्व की सबसे प्रभावकारी और बेहतरीन दवा न सकती है। एक एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फ्लू, एंटी-बायोटिक, एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी – डिजीज की तह कार्य करने लगती है।


1. शिवपुराण की मानें तो तुलसी दैत्यों के राजा शंखचूड़ की पत्नी थी। वह शिव जी थे जिन्होंने शंखचूड़ का वध किया था। शंखचूड़ की पत्नी होने के कारण शिवलिंग पर कभी तुलसी का पौधा नहीं चढ़ाना चाहिए। अगर आप गलती से भी शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते चढ़ा देते हैं तो भगवान शिव नाराज़ हो जाते हैं।


2. जान लें कि आयुर्वेद में भी यह बात कही गई है कि तुलसी का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ध्यान इस बात का रखें कि आप तुलसी को कभी चबाए नहीं बल्कि निगल जाया करें क्योंकि तुलसी में पारा धातु पाई जाती है जो कि हमारे दांतों को नुकसान पहुंचाती है। तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी की कोमल पत्तियों को अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है। तुलसी को चाय की पत्तियों के साथ उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है।

श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है।

तुलसी की कुछ पत्तियों को रोजाना चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल के साथ मिलाकर दांतों को साफ करने से सांसों से दुर्गध नहीं आती है।

तुलसी किडनी को मजबूत बनाती है। किडनी की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर उसका अर्क बना लें। इस अर्क को शहद के साथ नियमित 6 महीने तक सेवन करने से पथरी यूरीन मार्ग से बाहर निकल जाती है।


3. जान लें कि तुलसी के पत्ते कभी भी एकादशी, रविवार, सूर्य या चंद्र ग्रहण में और रात के समय नहीं तोड़ना चाहिए। ध्यान रखें कि बिना किसी वजह के तुलसी का पौधा तोड़ना पाप माना गया है।


4. मान्यता यह भी है कि जिस घर के लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाते हैं और तुलसी की पूजा करते हैं उनके घर पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।


5. वहीं वास्तु के अनुसार घर में तुलसी का पौधा लगाने से हर प्रकार के वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। यही नहीं, परिवार की आर्थिक स्थिति पर भी इसका शुभ असर होता है।


6. कहते हैं अगर तुलसी का पौधा घर में हो तो घर पर किसी की बुरी नज़र नहीं लगती है। साथ ही, घर के आसपास किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा नहीं पनप पाती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती ही चली जाती है।


7. आयुर्वेद की मानें तो तुलसी किसी संजीवनी बुटी से कम नहीं है। तुलसी की महक से आपकी सांस से संबंधित कई रोग ठीक हो सकते हैं। यही नहीं, तुलसी का एक पत्ता रोजाना खाने करने से आप सामान्य बुखार से हमेशा बचें रहेंगे। तुलसी में थाइमोल तत्व पाया जाता है, जो त्‍वचा रोगों को दूर करने में मददगार होता है। तुलसी और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां व फुंसियां ठीक होती हैं। और साथ ही चेहरे की रंगत में निखार आता है।

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