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Thursday, February 18, 2021

श्री गायत्री आरती


जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता।

सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

आदि शक्ति तुम अलख निरञ्जन
जग पालन कर्त्री।

दुःख, शोक, भय, क्लेश,
कलह दारिद्रय दैन्य हर्त्री॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

ब्रह्म रुपिणी, प्रणत पालिनी,
जगतधातृ अम्बे।

भवभयहारी, जनहितकारी,
सुखदा जगदम्बे॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

भयहारिणि भवतारिणि अनघे,
अज आनन्द राशी।

अविकारी, अघहरी, अविचलित,
अमले, अविनाशी॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

कामधेनु सत् चित् आनन्दा,
जय गंगा गीता।

सविता की शाश्वती शक्ति,
तुम सावित्री सीता॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

ऋग्, यजु, साम, अथर्व, प्रणयिनी,
प्रणव महामहिमे।

कुण्डलिनी सहस्त्रार, सुषुम्ना,
शोभा गुण गरिमे॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

स्वाहा, स्वधा,शची, ब्रह्माणी,
राधा, रुद्राणी।

जय सतरुपा, वाणी, विघा,
कमला, कल्याणी॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

जननी हम है, दीन, हीन,
दुःख, दरिद्र के घेरे।

यदपि कुटिल, कपटी कपूत,
तऊ बालक है तेरे॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

स्नेह सनी करुणामयी माता,
चरण शरण दीजै।

बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे,
दया दृष्टि कीजै॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ,
दुर्भाव, द्वेष हरिये।

शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय,
मन को पवित्र करिये॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

तुम समर्थ सब भाँति तारिणी,
तुष्टि,पुष्टि त्राता।

सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

॥ इति श्री गायत्री आरती॥

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