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Friday, April 22, 2022

 अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू समुदायों के लिए अत्यधिक शुभ और पवित्र दिन है। यह वैशाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को पड़ता है। रोहिणी नक्षत्र के दिन बुधवार के साथ पड़ने वाली अक्षय तृतीया को बहुत शुभ माना जाता है। अक्षय (अक्षय) शब्द का अर्थ है कभी कम न होने वाला। इसलिए इस दिन कोई भी जप, यज्ञ, पितृ-तर्पण, दान-पुण्य करने का लाभ कभी कम नहीं होता और व्यक्ति के पास हमेशा बना रहता है।


ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया सौभाग्य और सफलता लाती है। ज्यादातर लोग इस दिन सोना खरीदते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से आने वाले भविष्य में समृद्धि और अधिक धन आता है। अक्षय दिवस होने के कारण यह माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना कभी कम नहीं होगा और बढ़ता या बढ़ता रहेगा।


अक्षय तृतीया दिवस पर भगवान विष्णु का शासन है जो हिंदू ट्रिनिटी में संरक्षक भगवान हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। आमतौर पर अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती, भगवान विष्णु के छठे अवतार की जयंती, एक ही दिन पड़ती है, लेकिन तृतीया तिथि के घूरने के समय के आधार पर परशुराम जयंती अक्षय तृतीया के एक दिन पहले पड़ सकती है।


वैदिक ज्योतिषी भी अक्षय तृतीया को सभी अशुभ प्रभावों से मुक्त एक शुभ दिन मानते हैं। हिंदू चुनावी ज्योतिष के अनुसार तीन चंद्र दिन, युगादि, अक्षय तृतीया और विजय दशमी को किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने या करने के लिए किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि ये तीन दिन सभी हानिकारक प्रभावों से मुक्त होते हैं।

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