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Sunday, September 28, 2025

अम्बे तू है जगदम्बे काली

 अम्बे तू है जगदम्बे काली



अम्बे तू है जगदम्बे काली

जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गायें भारती
मैया हम सब उतारे तेरी आरती
मैया हम सब उतारे तेरी आरती


तेरे भक्त जनों पे माता भीड़ पड़ी है भारी
भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी
माँ करके सिंह सवारी
सौ-सौ सिहों से भी बलशाली
अष्टभुजाओं वाली
दुश्टों को तू ही घन तारती
मैया हम सब उतारे तेरी आरती


माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता
बड़ा ही निर्मल नाता
पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता
माता सुनी कुमाता
सब पे करुणा दर्शाने वाली
अमृत बरसाने वाली
दुखियों के दुखड़े निवारती
मैया हम सब उतारे तेरी आरती


नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना
ना चांदी ना सोना
हम तो मांगे माँ तेरे चार्णो में एक छोटा सा कोना
एक छोटा सा कोना
सबकी बिगड़ी बनाने वाली
लाज बचाने वाली
सतियों के सत को संवारती
मैया हम सब उतारे तेरी आरती


चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली
ले पूजा की थाली
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली
माँ संकट हरने वाली
मय्या भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली
भक्तों के कारज तू ही सारती
मैया हम सब उतारे तेरी आरती

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