Thursday, May 13, 2021

माँ अम्बे की आरती 

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
मैया जय मगंल करनी मैया जय आनन्द करनी।

तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी....

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमदको
मैया टीको मृगमदको ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥

ॐ जय अम्बे गौरी....

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजे मैया रक्ताम्बर राजै ।
रक्त-पुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै ॥

ॐ जय अम्बे गौरी....

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी मैया खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी....

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
मैया नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, कोटिक चद्रं दिवाकर सम राजत ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी....

शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती मैया महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी....

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे
मैया शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी.....

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी
मैया तुम कमलारानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैंरू मैया नृत्य करत भैंरू ।
बाजत ताल मृदंगा, अौर बाजत डमरू ॥

ॐ जय अम्बे गौरी....

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता
मैया तुम ही हो भरता ।
भक्तन की दुख हरता, सुख सम्पति
करता ॥

ॐ जय अम्बे गौरी.....

भुजा चार अति शोभित, वरमुद्रा धारी
मैया वरमुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी.....

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती मैया अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, श्री मालकेतु कोटि रतन ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी....

श्री अंबेजी की आरती, मैया जी की आरती जो कोइ नित गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, कहत हरिहर स्वामी मनवांछित फल' पावे

ॐ जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी
मैया जय मगंल करनी
मैया जय आनन्द करनी।

तुम को निशदिन ध्यावत हरी ब्रह्मा शिवरी ||

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