Monday, March 15, 2021

हनुमान बंदी मोचन स्तोत्र ||



बन्दी देव्यै नमस्कृत्य वरदाभय शोभितम्।

तदाज्ञांशरणं गच्छत् शीघ्रं मोचं ददातु मे॥


बन्दी कमल पत्राक्षी लौह श्रृंखला भंजिनीम्।

प्रसादं कुरू मे देवि! शीघ्रं मोचं ददातु मे॥


त्वं बन्दी त्वं महा माया त्वं दुर्गा त्वं सरस्वती।

त्वं देवी रजनी चैव शीघ्रं मोचं ददातु मे॥


त्वं ह्रीं त्वमोश्वरी देवि ब्राम्हणी ब्रम्हा वादिनी।

त्वं वै कल्पक्षयं कर्त्री शीघ्रं मोचं ददातु मे॥


देवी धात्री धरित्री च धर्म शास्त्रार्थ भाषिणी।

दु: श्वासाम्ब रागिणी देवी शीघ्रं मोचं ददातु मे।


नमोस्तुते महालक्ष्मी रत्न कुण्डल भूषिता।

शिवस्यार्धाग्डिनी चैव शीघ्रं मोचं ददातु मे॥


नमस्कृत्य महा-दुर्गा भयात्तु तारिणीं शिवां।

महा दु:ख हरां चैव शीघ्रं मोचं ददातु मे॥


इंद स्तोत्रं महा-पुण्यं य: पठेन्नित्यमेव च।

सर्व बन्ध विनिर्मुक्तो मोक्षं च लभते क्षणात्॥

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