Monday, February 15, 2021

सरस्वती भजन



सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला
या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा
या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥



 सरस्वती वंदना गीत

वर दे, वीणावादिनि वर दे !
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे !

काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर
जगमग जग कर दे !

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को
नव पर, नव स्वर दे !
वर दे, वीणावादिनि वर दे।


माँ सरस्वती मुझको वरदान दो मुझको नवल उत्थान दो

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो ||

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,माँ शरदे हंससिनी वागेश वीना वादिनी ,
मुझको अगम स्वर ज्ञान दो,
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो ||

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,माँया मुझको ना तक सके,
मॅन मोह माया ना फस सके,
कर डोर सब अगयाँ दो,
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो ||

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो, निष्काम हो मनोकामना,
मेरी सफल हो साधना,
नयी गति नयी ताल हो,
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो ||

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,हो सत्या जीवन सारथि,
तेरी करू नित्या आरती,
संवेधी सच समान हो,
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो ||

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो, मन बुद्धि हृदय पावतीत्र हो,
मेरा महान चरित्रा हो,
विद्या विनय बाल दान दो,
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो ||

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,सौ वराश तक जीते रहे,
सच अमीया हम पीते रहे,
निज चरण में स्थान दो,
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो ||

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,यह विश्वा ही परिवार हो,
सब के लिए समाँन प्यार हो,
आदेश लक्ष्या महान दो,
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो ||

माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,मुझको नवल उत्थान दो
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो,
मुझको नवल उत्थान दो
माँ सरस्वती मुझको वरदान दो ||


: सुर की देवी सरस्वती माँ

सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,

सुर का गण सीखा दे माँ,
है अंधियारा इस हृदय में ,
सुर का दीप जला दे माँ
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,

रीत ना जानू गीत ना जानू,
प्रीत मैं जानू चरणों की,
रीत ना जानू गीत ना जानू,
प्रीत मैं जानू चरणों की,

ज्ञानी नही अज्ञानी हु मैं ।
साची राह दिखा दे माँ,
है अंधियारा इस ह्रदय में,
सुर का दीप जला दे माँ,
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,

पूजा वंदना अर्चना सब कुछ
शब्द सुमन अर्पण माता ,
पूजा वंदना अर्चना सब कुछ
शब्द सुमन अर्पण माता
पूजा वंदना अर्चना सब कुछ
शबाद सुमन अर्पण माता

सुर का गान सीखा दे माँ,
है अंधियारा इस ह्रदय में
सुर का दीप जला दे माँ
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,
सुर की देवी सरस्वती माँ, सुर की देवी सरस्वती माँ,


 जय जय जय माँता सरस्वती

जय जय जय माँता सरस्वती, जयसुबा दाइिनी वरदायिनी
हंस वाहिनी पद्मा आसाना माँता, वीना पुस्तक धारिणी
जय सुबा दाइिनी वरदायिनी…

तूही दुर्गा तूही काली, तूही माँता पार्वती
सकल जगत के पालन करनी, सकल जगत के पालन करनी, विद्या बुद्धि दाइिनी
जय सुबा दाइिनी वरदायिनी…
जय जय जय माँता सरस्वती, जय सुबा दाइिनी वरदायिनी

ब्रह्मा विष्णु महेश शेषा सब, तेरे ही गुणगान करे
हम सबका कल्याण करो माँ,हम सबका कल्याण करो माँ, विद्या बुद्धि दाइिनी
जय सुबा दाइिनी वरदायिनी…
जय जय जय माँता सरस्वती, जय सुबा दाइिनी वरदायिनी

जय जय जय माँता सरस्वती, जय सुबा दाइिनी वरदायिनी
हंस वाहिनी पद्मा आसाना माँता, वीना पुस्तक धारिणी
जय सुबा दाइिनी वरदायिनी…


 जय सरस्वती माँता

जय सरस्वती माँता मैया जय सरस्वती माँता |
सद्गुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्यात ||
जय सरस्वती माँता मैया जय सरस्वती माँता |
चंद्रवदनी पद्मासिनी,धुति मंगलकारी, मैया धुति मंगलकारी |
सोहे शुभ हंस सवारी अतुल तेजधारी ॥
जय सरस्वती माँता मैया जय सरस्वती माँता |

बाएँ कर मे विणा,दाएँ कर माँला, मैया दाएँ कर माँला |
शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माँला ॥
जय सरस्वती माँता मैया जय सरस्वती माँता |

देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया, मैया उनका उद्धार किया |
पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया ॥
जय सरस्वती माँता मैया जय सरस्वती माँता |

विद्या ज्ञान प्रदायिनी ज्ञान प्रकाश भरो, मैया ज्ञान प्रकाश भरो |
मोह अज्ञान और तिमिर का जग से नाश करो ||
जय सरस्वती माँता मैया जय सरस्वती माँता |

धूप-दीप फल मेवा माँ स्वीकार करो , मैया माँ स्वीकार करो |
ज्ञानचक्षु दे माँता जग निस्तार करो ||
जय सरस्वती माँता मैया जय सरस्वती माँता |

माँ सरस्वती की आरती जो कोई जन गावे, मैया जो कोई जन गावे |
हितकारी सुख कारी ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय सरस्वती माँता मैया जय सरस्वती माँता |

मेरे कंठ बसो महारानी।

जीवन का संगीत तुम्ही हो,
आशाओं का दीप तुम्ही हो।
शब्द सुधा से दामन भर दो,
मैं जाचक तू दानी ॥

लय और ताल का ज्ञान भी दे दो,
स्वर सरगम और तान भी दे दो ।
मेरे सीस पे हाथ धरो माँ,
सरस्वती कल्याणी ॥



: हे वीणा वादिनी सरस्वती, हंस वाहिनी

हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते ॥

हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते ॥

तू राह दिखाना माँत मेरी
साथ निभाना माँत मेरी
अँधियारा है अंतर मन
ज्योत जलना माँत मेरी

हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते ॥

मन में करुणा भर देती
निष्पाप ह्रदय तू कर देती
भक्ति से तुझे पूजे जो
सुबह आस तू मन में भर देती

हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते ॥

हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते ॥



हे हंसवाहिनी-ज्ञानदायिनी

अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
जग सिरमौर बनाएं भारत,
वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥
हे हंसवाहिनी-ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥

साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥1॥

हे हंसवाहिनी-ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
लव, कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम,
मानवता का त्रास हरें हम,
सीता, सावित्री, दुर्गा मां,
फिर घर-घर भर दे। फिर घर-घर भर दे॥2॥

हे हंसवाहिनी-ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥


वीणावादिनी बुद्धि की दाता
वीणावादिनी, स्वरदायिनी माँ
नारायणी स्वर दो !

सिद्धि दायिनी वीणाधारिणी
कर करतब करि कारिणी माँ
स्वर्दायिनी स्वर दो !

ब्रह्माणी, शिव पूजनी
दिन रात सदा मनभावनी माँ
वीणावादिनी स्वर दो !

जय -जय -जय माँ दाता
जय -जय -जय जयकारिणी
वीणा वादिनी स्वर दो !

जिह्वा पर नित वास करो
हिय में माँ उल्लास भरो
वीणा वादिनी स्वर दो !

परमारथ हो ह्रदय में माँ
निर्मल मन मेरा कर दो
वीणा वादिनी स्वर दो !

काया कल्प करो तनका
प्रतिपल माँ तूँ वर दो
वीणा वादिनी स्वर दो !

करुणा तेज भरो तन में
सागर सा वाणी मन दो
वीणा वादिनी स्वर दो !!

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