Wednesday, February 17, 2021

महामृत्युंजय मंत्र



ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः


त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।


उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्


ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!


।।इति।।

भगवान शिव के उपासक ऋषि मृकंदुजी के घर कोई संतान नहीं थी। उन्होंने भगवान शिव की कठिन तपस्या की।
भविष्य में जो कोई इसका स्मरण करेगा हमारा आशीर्वाद उस पर सदैव बना रहेगा’ इस मंत्र का जप करने वाला मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है और भगवान शिव की कृपा उस पर हमेशा बनी रहती है।

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